अनकहे अल्फ़ाज़ तुम्हारे, मैं दिल से चुरा लेता हूँ, तू लिखे ना लिखे, मैं दास्ताँ - ए - प् अनकहे अल्फ़ाज़ तुम्हारे, मैं दिल से चुरा लेता हूँ, तू लिखे ना लिखे, मैं दास्ताँ...
वो आये, कुछ पन्ने जलाये तो कुछ पर स्याही उड़ेल गए ! वो आये, कुछ पन्ने जलाये तो कुछ पर स्याही उड़ेल गए !
जो बात हम हैं कह रहे, हर बात हो रही नोट है । जो बात हम हैं कह रहे, हर बात हो रही नोट है ।
यम को कंपाने वाले ये शब्द आज उसी की गोद में सो गया। यम को कंपाने वाले ये शब्द आज उसी की गोद में सो गया।
अल्फ़ाज़ अल्फ़ाज़
कौनसे शब्द गद्य के हैं कौनसे पद्य के शब्द हैं ये बात समझ में क्यों नहीं आई ? कौनसे शब्द गद्य के हैं कौनसे पद्य के शब्द हैं ये बात समझ में क्यों नहीं आई ?